आखर री औकात, पृष्ठ- 22

उतार्‌यां गाभा
छूंतका ई छूंतका
कांदो गायब
०००

बाग, अंधारो
सोधतो फिरै खुणा
बिकाऊ सांसां
०००

मिनख मारो
मिंदर सामै बैठ
भजन करो
०००

मिनख सोधै
गधो, कोचरी, सांप
डावै-जीवणै
०००

मांय अमूजो
बारै बाजै बळती
गुजारो किंयां ?
०००

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