आखर री औकात, पृष्ठ- 26

निरांतै पोढ्‌या
हींगळू ढोलियां बै
बळती भूल
०००

ओ म्हारा मन
तूं चाल परबारो
कुण है थारो
०००

-बांग नीं देवूं
वाद-चढ्‌यो कूकड़ो
सूरज ऊग्यौ
०००

गीर बो कहां
चांद पूग्यो मिनख
अठै कळह
०००

मजै री बात
आम खातर झुरै
आम आदमी
०००

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