आखर री औकात, पृष्ठ- 62

बिरछ-बेल
जुगां सूं चिप्या रैवै
तो ई तिरसा
०००

नूंवां व्है लोग
बदळै घटनावां
अरथ सागी
०००

बांसां उछळै
थांरो कागद बांच
ओ मन घोड़ो
०००

सावण तीज
आभै में मावै कोनी
बैरण बीज
०००

दीठी उधाड़ी
म्हारी रगां रगत
उछाळा मारै
०००

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