आखर री औकात, पृष्ठ- 31

म्हे कुलखणा
आ गिन्धावती गळी
-थे अठै किंयां ?
०००

सांस व्है एक
जाणता थकां करो
सांस रो सौदो
०००

पैली दड़ूकै
सामैं मण्डै कोई तो
ऐ करै छेरा
०००

काच में देखै
चूंच सूं चूंच जोड़ै
भोळी चिड़ी
०००

अबै व्है कांई
रूळग्या म्हारा भाई
रोटी-लुगाई

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