आखर री औकात, पृष्ठ- 40

मारग कठै
च्यारूं कूंट अंधारो
मिनख धूजै
०००

जुगां री रीत
तोड़ै हाथी’र घोड़ा
पजै मकोड़ा
०००

हरख कुंड
हुवैला, म्हानै कांईं
धायां पतीजां
०००

किताबां सोभै-
कायदा; काम काढै-
जाळी झरोखा
०००

अंधार घुप्प
मिनख कांईं बोलै
हवावां चुप्प
०००

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