आखर री औकात, पृष्ठ- 16

पीड़ अछूती
सोध्यां सबद लाधै ?
कागद कोरा !
०००

लोग डागळै
जठै हा बठै ई है
ऐ पगलिया
०००

सागो मिनख
गळी, दफ्तर, लुगाई
सम्बन्ध जुदा
०००

सुपना आवै
ताळो, कूंची, डूंगर
गाभा व्है गीला
०००

गैलो मिनख
दूजा री सोचै, करै
आंसूं री बात
०००

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें